मृत शिक्षिका की जीपीएफ राशि का भुगतान अनाधिकृत को, तत्कालीन बीईओ और दो लिपिक सहित चार लोगों के खिलाफ होगा धोखाघड़ी और कूट रचना का अपराध

मृत शिक्षिका की जीपीएफ राशि का भुगतान अनाधिकृत को, तत्कालीन बीईओ और दो लिपिक सहित चार लोगों के खिलाफ होगा धोखाघड़ी और कूट रचना का अपराध

पामगढ़ :- जांजगीर चाम्पा जिले के पामगढ़ विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अनोखा कारनामा सामने आया है जहां एक शिक्षक की मृत्यु के बाद उसके स्वत्वों का भुगतान नामिनी में अंकित उनके दत्तक पुत्र की जगह अनाधिकृत व्यक्ति को किए जाने के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पामगढ़ शीलू केसरी ने तत्कालीन बीईओ और दो लिपिक सहित एक अनाधिकृत व्यक्ति के विरुद्ध धोखाधड़ी, अपराधिक षड्यंत्र और कूटरचना का अपराध दर्ज करने का निर्देश दिया है। आवेदक युवराज सिंह चंदेल द्वारा ने न्यायालय में परिवाद पेश कर बताया कि उसकी दत्तक माता स्व. सुनीता सिंह पूर्व माध्यमिक शाला मुलमुला में प्रधान पाठक के पद पर कार्यरत थीं। जिनकी मृत्यु 10 जुलाई 2021 को हो गई और उनका दाह संस्कार उनके द्वारा प्रयागराज (उ.प्र.) में परिवार की मौजूदगी में किया गया। आवेदक की दत्तक माता ने आवेदक को दो वर्ष की उम्र में ही उसके प्राकृतिक माता पिता की सहमति से गोद लिया था और उसे अपना विधिक वारिस बना लिया था। उसका पुत्रवत ही पालन पोषण व शिक्षा दीक्षा करा रही थी और आवेदक की दत्तक माता ने आवेदक के पक्ष में रजिस्टर्ड गोदनामा व अपनी समस्त चल एवं अचल संम्पत्ति के संबंध में एक वसीयतनामा भी निष्पादित की थी जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि आवेदक की दत्तक माता ने अपनी समस्त चल सम्पत्ति, समस्त अचल सम्पत्ति एवं शासकीय सेवा से प्राप्त होने वाले सभी लाभांश समस्त लंबित स्वत्वों का भुगतान, जीपीएफ, ग्रेच्युटी, जीआईएस का सौ प्रतिशत पेंशन व अनुकंपा नियुक्ति को आवेदक अपनी दत्तक माता की मृत्यु के बाद पाने का हकदार है। आवेदक ने अपनी दत्तक माता सुनीता सिंह की मृत्यु के बाद अंतिम क्रियाकर्म करने के बाद विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पामगढ़ में अपनी दत्तक माता के शासकीय सेवा से प्राप्त होने वाले समस्त स्वत्वों व अनुकम्पा नियुक्ति के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र सहित आवेदन पत्र विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एसआर रत्नाकर के पास जमा किया था। जिस पर बीईओ के द्वारा आवेदक को सूचना देकर बुलाने की बात कही गई थी। मगर उसके द्वारा जब आवेदक को कोई सूचना नहीं दी गई तब आवेदक स्वयं विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय जाकर पता किया तब पता चला कि बीईओ ने यह जानते हुए भी कि मृतका सुनीता सिंह के कार्मिक सम्पदा में नामिनी के रूप में आवेदक युवराज सिंह चंदेल का नाम दर्ज है और वसीयतनामा भी उसी के पक्ष में है इसके बावजूद दो लिपिकों हेमंत श्रीवास और मालिकराम जानसन से मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचते हुए समस्त स्वत्वों का भुगतान अनाधिकृत व्यक्ति युवराज सिंह ठाकुर को अवैधानिक तरीके से कर दिया है।

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GYAN KHARE / EDITOR
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जांजगीर चाम्पा